【視聴数 1728752】
【チャンネル名 HUM TV】
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Eng subtitles please!
Asalamualikum can anyone tell wen dies dis drama comes
Jain baig oasim look
Zain is super
𝐒𝐔𝐋𝐓𝐀𝐍 𝐁𝐀𝐁𝐀𝐑 𝐒𝐇𝐀𝐈𝐑🌹🥺🦁<3
Hayeee excited for zain and Zainab❤
Zain baig looking wow
Never liked him in hook, or any other good roles he played, only malik balaj type role he got again it suits him the best! Been waiting for such role after malal-e-yaarr!!
Kon se day ata hai
Yeah drama
Best drama
अस्सलामुअलैकुम वरहमतुल्लाही वबरकातुह!
दाढ़ी और बुरक़े से दुनिया ख़ौफ़ज़दा क्यों है?
मर्द के लिये दाढ़ी और औरत के लिये बुर्क़ा, यह ऐसे अमल हैं जिनके करने के बाद उन्हें अपनी ज़ुबान से अपना मज़हब नहीं बताना पड़ता बल्कि वह बिना मुँह खोले इस बात का इक़रार करते हैं कि हम मुसलमान हैं. दाढ़ी और बुर्क़ा चीख़ चीख़ कर यह ऐलान करते हैं कि हम इसलाम के सिवा दुनिया की सारी तहज़ीबों का इनकार करते हैं. इस बात को मुसलमान भले ही न समझें मगर बातिल तहज़ीबें बख़ूबी समझती हैं. ख़ासकर well qualified and well educated नौजवान मर्द व औरत में दाढ़ी और बुरक़े का बढ़ता शौक व ज़ौक़* बातिल की नींदें उड़ाय़े हुए है. उनको यह भी डर है कि यह नौजवान doctor, engineer, teacher बनने के बाद या civil services और business यहाँ तक कि सारे professions में कहीं इसलाम को न apply करने लगें. दाढ़ी को मर्द के चेहरे के चंद बाल और बुरक़े को सिर्फ़ कपड़े का एक टुकड़ा न समझा जाए, बल्कि यह इसलामी तहज़ीब की अलामत* (symbol of Islamic culture) और एक नज़रिया (ideology) है. दाढ़ी और बुर्क़ा उम्मते मुस्लिमा का वह शआर (sign) और फ़ख़्र (pride) व इमतियाज़ (distinction) है, जो मआशरे (society) को पाकीज़गी अता करने का ज़रिया हैं. यह एक मज़बूत तर्ज़-ए-फ़िक्र (way thinking) और एक निज़ाम (system) है, जिससे आज के बातिल निज़ामों को* अपनी ख़ुदसाख़्ता बेहूदा तहज़ीब के लिये ख़तरा महसूस हो रहा है यही वजह है कि बज़ाहिर चेहरे के चंद बाल और कपड़े के एक टुकड़े से दुनिया इतनी ख़ौफ़ज़दा है कि हर कुछ दिन बाद दुनिया के किसी न किसी हिस्से में इनको निशाना बनाया जाता है. दाढ़ी वाले मर्दों और बुरक़े वाली औरतों को परेशान किया जाता है, पाबंदियाँ लगाई जाती है, जुर्माने थोपे जाते हैं. दुनिया में सबसे ज़्यादा दाढ़ी और बुरक़े की ही मुख़ालिफ़त होती है. कहीं शिद्दत पसंदी की अलामत के नाम पर, तो कहीं दहशतगर्दी की अलामत के नाम पर. दाढ़ी एक मुकम्मल निज़ाम-ए-इख़लाक़ है और बुरक़ा एक मुकम्मल निज़ाम-ए-असमत व इफ़्फ़त (chastity and honour) है, जो मर्द व औरत को बुराईयों की तरफ़ माएल होने (झुकने) से रोकता है. दाढ़ी और बुरक़ा एक तारीख़ (history) है, एक तर्ज़-ए-अमल है, जो *मआशरे के इख़लाक़ी सरमाये का मुहाफ़िज़ (protector) है. बातिल को डर है कि दाढ़ी और बुरक़े के *इख़लाक़ी इक़दार (ethical values) से दूसरी क़ौमें कहीं मुतास्सिर न हो जाएँ. इसलिये *मीडिया के ज़रिये दाढ़ी और बुरक़े वालों को विलेन के तौर पर पेश किया जाता है. इससे यह साफ़ ज़ाहिर होता है कि दुनिया के सारे बातिल निज़ाम अपनी अवाम को इख़लाक़ी तौर पर किरदार साज़ी कर के उन्हें इंसान नहीं बनाना चाहते, बल्कि औरत के कपड़ों को उतार कर और मर्दों को बेग़ैरत बना कर जानवरों से भी बदतर बनाना चाहते हैं. ताकि उनको अपना ग़ुलाम और पैसे कमाने का ज़रिया बना सकें!
Sumbal ko dozak mai jaga mili 😅😮
Aik (anar) sultan 3 beemar
I love Muhammad s a w w ❤️❤️❤️
Bhabio ki hukemrani k dramy chal rahy aj kal ziyada😅
Atleast drama 2 din toh do
Larka dekhta nhi or larki koetraz Hy k hojom bana kr bethte hain …or khud rok kar. Dekh kr jati hy
After yar na bechre
Can’t wait to see their chemistry once again 🤍🤍
Very nice apisode 2
Fareb